​​​​दोस्त बनकर भी नहीं साथ निभानेवाला; वही अंदाज़ है ज़ालिम का ज़मानेवाला।

दुश्मनी जम कर कीजे मगर ये गुंजाईश रहे
की कल हम जब दोस्त हों तो शर्मिंदा न हों

तुफानों ​की दुश्मनी से न बचते तो खैर थी​;​साहिल से दोस्तों के भरम ने डुबो दिया​।

दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे; जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिंदा न हों।

दोस्ती में दोस्त दोस्त का ख़ुदा होता है; महसूस तब होता है जब दोस्त दोस्त से जुदा होता है।

घड़ी की सुईयों - जैसा रिश्ता है मेरे दोस्तों का कभी मिलते है.. कभी नहीं... पर हाँ जुड़े रहते हैं।

दोस्ती कर के देखो दोस्ती में दोस्त खुदा होता है; यह एहसास तब होता है जब दोस्त दोस्त से जुदा होता है।

कितना कुछ जानता होगा वो सख्श मेरे बारे में; मेरे मुस्कुराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यूँ हो?

रेगीस्तान के तूफान रुका नहीं करते
समंदर का पानी सुखा नहीं करते और
दोस्त सै सर कभी झुका नहीं करते...
=RPS

जो हमारा प्यार है! उन्हें किसी और से प्यार है! बस हार गए हम यह जानकर! कि जिससे उन्हें प्यार है वो हमारा यार है!

सफ़र मोहब्बत का चलता रहे; सूरज हर शाम ढलता रहे; कभी न ढलेगी अपनी दोस्ती की सुबह; चाहे हर रिश्ता रंग बदलता रहे!

दोस्ती से बड़ी जंजीर नहीं
इससे अच्छी ताबीर नही
एक बारीक प्रेम का धागा है
फिर भी इससे मजबूत कोई जंजीर नहीं

रिस्ता तो ऊपर वाले कि दुनिया मे बनता है
बस हम निभाना जानते है
खुदा से दुआ करते है की आपकी दोस्ती पाना चाहते है

दोस्ती गुनाह है तो होने मत देना; दोस्ती खुदा है तो खोने मत देना; जब करना दोस्ती किसी से कभी; तो उस दोस्त को रोने मत देना!

ज़िक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का; हमने खुद को खुशनसीब पाया; तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की; खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया।