हम तो प्यार के सौदागर हैं सौदा सच्चा करते हैं। लेकिन अगर खरीददार आप जैसा दोस्त हो तो हम मुफ्त में भी बिक जाया करते हैं।

आपकी दोस्ती हमारे सुरों का साज है; आप जैसे दोस्त पर हमें नाज़ है; चाहे कुछ भी हो जाये जिंदगी में; दोस्ती कल भी वैसी ही रहेगी जैसी आज है!

आपकी दोस्ती पे नाज़ है हमें; कल था जितना भरोसा उतना ही आज है हमें; दोस्त वो नहीं जो ख़ुशी में साथ दे; दोस्त वही जो हर पल अपनेपन का एहसास दे।

दोस्ती दिल है दिमाग नहीं; दोस्त सोच है आवाज़ नहीं; कोई आँखों से नहीं देख सकता दोस्ती का जज्बा; क्योंकि दोस्ती एहसास है टाइम पास नहीं।

दोस्ती ग़ज़ल है गुनगुनाने के लिए; दोस्ती नगमा है सुनाने के लिए; ये वो जज़बा है जो सबको मिलता है; क्योंकि हौंसला चाहिए दोस्ती निभाने के लिए।

जिंदगी नहीं हमें दोस्तों से प्यारी! दोस्तों पर हाजिर है जान हमारी! आँखों में हमारी आंसू हैं तो क्या; जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी!

दोस्ती होती नहीं भूल जाने के लिए; दोस्त मिलते नहीं बिखर जाने के लिए; दोस्ती करके खुश रहोगे इतना; की वक़्त ही नहीं मिलेगा आंसू बहाने के लिए।

क्यों मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त; क्यों ग़म को बाँट लेते हैं दोस्त; ना रिश्ता ख़ून से ना रिवाज़ से बंधा; फ़िर भी ज़िंदगी भर साथ देते हैं दोस्त।

ऊपर वाला जिनको खून के रिश्ते में बांधना भूल जाता है; उन्हें दोस्त बनाकर अपनी गलती सुधार लेता है। मुझे अपना दोस्त स्वकृत करने के लिए शुक्रिया।

तन्हा था इस दुनिया की भीड़ में;​सोचा था कोई नहीं है मेरी तक़दीर में;​ एक दिन फिर तुमने थाम लिया हाथ मेरा;​​फिर लगा कि बहुत ​ख़ास था इस हाथ की लकीर में।

ऐ दोस्त तुम पे लिखना कहाँ से शुरू करूँ; अदा से करूँ या हया से करूँ; तुम्हारी दोस्ती इतनी खूबसूरत है; पता नहीं कि तारीफ ज़ुबाँ से करूँ या दुआ से करूँ।

दोस्ती कोई खोज नहीं होती; यह हर किसी से हर रोज नहीं होती; अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना; क्योंकि पलके कभी आँखों पर बोझ नहीं होती।

जिसका वजूद नहीं वह हस्ती किस काम की; जो मजा न दे वह मस्ती किस काम की; जहा दिल न लगे वो बस्ती किस काम की; हम आपको याद न करें तो फिर हमारी दोस्ती किस काम की!

हम वो फूल हैं जो रोज़-रोज़ नहीं खिलते; ये वो होंठ हैं जो कभी-कभी नहीं सिलते; हमसे बिछाड़ोगे तो एहसास होगा तुम्हें; हम वो दोस्त हैं जो रोज-रोज नहीं मिलते।

कुछ दोस्त ज़िन्दगी में इस तरह शामिल हो जाते हैं; अगर भुलाना चाहो तो और याद आते हैं; बस जाते हैं वो दिल में इस तरह कि; आँखे बंद करो तो भी वो सामने नज़र आते हैं।