विश्वास की एक डोरी है दोस्ती; विश्वास के बिना कोरी है दोस्ती; कभी थैंक्स तो कभी सॉरी है दोस्ती; ना मानो तो कुछ भी नहीं; पर मानो तो रब की भी कमज़ोरी है दोस्ती।

दोस्त समझते हो तो दोस्ती निभाते रहना; हमें भी याद करना खुद भी याद आते रहना; हमारी तो हर ख़ुशी दोस्तों से ही है; हम खुश रहें या ना आप सदा यूँ ही मुस्कुराते रहना।

अच्छा दोस्त तकिये के जैसा होता है; मुश्किल में सीने से लगा सकते हैं; दुःख में उस पे रो सकते हैं; खुशी में गले लगा सकते हैं; और... . . . . . . गुस्से में लात भी मार सकते हैं।

प्रेमी और दोस्त में क्या फर्क है? प्रेमी कहता है तुम्हें कुछ हुआ तो मैं ज़िंदा नहीं रहूँगा। और दोस्त कहता है जब तक मैं ज़िंदा हूँ तुम्हें कुछ नहीं होने दूँगा।

अब ना मैं हूँ ना बाकी हैं ज़माने मेरे​;​ फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे​;​ ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे​;​ अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।

प्यार करने वालों की किस्मत खराब होती है; हर वक़्त इम्तिहान की घडी साथ होती है; वक़्त मिले तो कभी रिश्तों की किताब खोल कर देखना; दोस्ती हर रिश्ते से लाजवाब होती है।

ए दोस्त तेरी दोस्ती का क़र्ज़ हर हाल में चुकायेंगे; तेरे लिए खुदा का कहना भी हम टाल जायेंगे; ए दोस्त तेरी दोस्ती की कसम; तेरे लिए इस दिल को भी सीने से अलग कर जायेंगे!

​सालों बाद ना जाने क्या समय होगा​;​​हम सब दोस्तों में से ना जाने कौन कहाँ होगा​;​​​​फिर मिलना हुआ तो मिलेंगे ख्वाबों में​;​​जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में​।

kisi ki khatir mohabbat ki inteha kar do
par itna bhi nahi ki us ko khuda kar do
mat chaho kisi ko toot kar itna bhi ki
apni hi wafaon se us ko bewafa kar do

जब मैं मर गया तब दूर जाना दोस्त
अभी तो मिल के पिया कर

दोस्तों पर तो शराफत का असर होता नहीं; इसलिए मैं आज आया हूँ उतर औकात पर।

मेरी सल्तनत में देख कर कदम रखना; मेरी दोस्ती की क़ैद में जमानत नहीं होती।

लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया

सुना है कि मौत से पहले एक और मौत होती है
और उसे प्यार से लोग मोहब्बत कहते हैं

जलने वाले की दूआ से ही सारी बरकत है
वरना अपना कहने वाले तो याद भी नही करते
G.R..s