ना कर इश्क मेरे यार यह लडकियां बहुत सताती हैं; ना करना इन पर ऐतबार ये खर्चा बहुत कराती हैं; कभी खुली आँख से इनकी बेवफाई की हद देखो; रिचार्ज तुम कराते हो और नंबर मेरा लगाती हैं!

चली जाती है आये दिन वो बियुटी पार्लोर में यूं; उनका मकसद है मिशाल-ए-हूर हो जाना; मगर ये बात किसी भी बेगम की समझ में क्यों नहीं आती; कि मुमकिन नहीं किशमिश का फिर से अंगूर हो जाना।

शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; चुपचाप सुन लो नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे; क्योंकि मेरे पास है छुरी!

एग्ज़ाम हॉल में बैठकर हम यही सोचते हैं कि हमारी याददाश्त बहुत कमजोर है
लेकिन जिससे कभी प्यार किया हो और उसे भूलना चाहो
तो ऐसा लगता हैं जैसे सारी दुनिया के काजू-बादाम हमने ही खा रखे हों

ना लिया कर इश्क के इम्तिहान इतने जान मेरी; तेरे इश्क के इम्तिहान देते वक्त अक्सर मेरा दिल कुछ उदास होता; न कसूर मेरा है ना तेरे उन सवालों का; बस परेशानी है तो इतनी कि तेरा पप्पू हमेशा ग्रेस मार्क्स से पास होता है!

बीवी भी हक़ जताती है माँ भी
शादी क्या हुई हम तो कश्मीर हो गए

तुम मेरा प्यार हो या प्याज हो
जब भी मिलते हों रुला देते हों

आँखों के रास्ते दिल में उतर गये; बंदा-नवाज़ आप तो हद से गुज़र गये।

ख़ज़ाने में थे सिर्फ़ दो आँसु मेरे
जब याद आयी आपकी तो वो भी लूट गए

आँसू बहा बहा के भी होते नही हैं कम
कितनी अमीर होती हैं आँखें गरीब की

कर्ज़ा देता मित्र को वह मूर्ख कहलाए; महामूर्ख वह यार है जो पैसे लौटाए!

खो गई वो प्यासी नज़र मेरी तड़प कर ढूंढा करती नज़र तेरी
जाने कहाँ जाने कहाँ

यहा वक्त पर आनेवाले की कोई किमत नही होती
देर से आने वालो को लोग Super Star कहते है

सारी रात इसी कश्मकश में गुज़र जाती है कि; ये रजाई में हवा कहाँ से घुस रही है!

बहुत गुमान है तुझे नाम पर अपने मगर
उससे कहीं ज्यादा है कीमत मेरे ईमान की