वो भी क्या दिन थे जब बच्चपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10₹ दे जाता था
और माँ 8₹ टीडीएस काटकर 2₹ थमा देती

गरीब -अज़ीब कश्मकश हैं
अंदर सोने जाओ तो भूकंप का डर
बाहर सोने जाओ तो सलमान का डर
सोये तो सोये कहाँ

खुशबु ने फूलों को ख़ास बनाया; फूलों ने माली को ख़ास बनाया; और कमबख्त मोहब्बत ने; कितनो को देवदास बनाया!

न कर चाह ए दोस्त सुनने को दास्तान ए इश्क़ मेरी
क़तरा क़तरा बिखर जायेगा ज़ुर्रत जो बताने की मैंने कर डाली

वाह गालिब तूने क्या शेर मारा है; वाह गालिब तूने क्या शेर मारा है; अरे यार! देख जरा शेरनी कितना रो रही है।

मैं तो फ़ना हो जाता हूँ अपनी आँखों में उनका अक्स देखकर
वोह ना जाने कैसे अपनी आँखे आईने में देखती होगी

सितम ढाने की हद होती है; पास ना आने की रूठ जाने की हद होती है; एक SMS तो कर दे जालिम; पैसे बचाने की भी हद होती है!

मोबाइल के एक फोल्डर में तेरी तस्वीरें इकठ्ठा की है मैंने
बस इसके सिवा और ख़ास कुछ जायदाद नहीं है मेरी

हक़ीकत थी पर ख़्वाब निकला; दूर था पर पास निकला; मैं इस बात को क्या कहूं; ये ज़रदारी तो मुसर्रफ़ का भी बाप निकला।

अर्ज किया है ए सुनामी जरुरत नहीं तेरी इन; खौफ़नाक लहरों की; जिंदगी में खौफ़ लाने के लिए; तो घरवाली ही काफी है।

कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है कि क्यों कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है?

जब भी कोइ दोस्त पूंछता है हमसें भाभी कैसी है
दिल की घड़कनें रुक जाती है और जूबान पे एक ही सवाल आता है
कौन सी

तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी-वारी; तुम्हारी अदाओं पे मैं वारी-वारी; क्या उधर लाइट आ री? इधर तो आ री - जा री आ री - जा री!

मोहब्बत के रास्ते में हर वक्त दर्द मिलेगा; मेरी मानो दोस्त तुम इसी रास्ते पर मेडिकल स्टोर खोल लो; मस्त चलेगा।

तुझसे कैसे नज़र मिलाएं दिलबर जानी; तुझसे कैसे नज़र मिलाएं दिलबर जानी; तेरी दायीं आँख काणी; मेरी बायीं आँख काणी!