ज़िंदगी हमारी यूँ सितम हो गयी; ख़ुशी ना जाने कहाँ दफ़न हो गयी; बहुत लिखी खुदा ने लोगों की मोहब्बत; जब आयी हमारी बारी तो स्याही ही ख़त्म हो गयी।

वक़्त का पता नहीं चलता अपनों के साथ पर अपनों का पता चलता है वक़्त के साथ; वक़्त नहीं बदलता अपनों के साथ पर अपने ज़रूर बदल जाते हैं वक़्त के साथ।

वो भूल गए कि उन्हें हसाया किसने था; जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था; वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद; वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था।

जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता; हर रोने वाला तो गमगीन नही होता; एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा; अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता।

एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा; बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा; टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने; अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा।

तुझसे दोस्ती करने का हिसाब ना आया; मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया; हम तो जागते रहे तेरे ही ख्यालों में; और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया।

आग से सीख लिया हम ने यह करीना भी; बुझ भी जाना पर बड़ी देर तक सुलगते रहना; जाने किस उम्र में जाएगी यह आदत अपनी; रूठना उससे और औरों से उलझते रहना।

कहाँ से लाऊँ हुनर उसे मनाने का; कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का; मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी; क्योंकि जुर्म मेरा था उनसे दिल लगाने का।

इंतज़ार करते करते वक़्त क्यों गुजरता नहीं! सब हैं यहाँ मगर कोई अपना नहीं! दूर नहीं पर फिर भी वो पास नहीं! है दिल में कहीं पर आँखों से दूर कहीं!

भूल गए वो यह कि उन्हें हसाया किसने था; जब वो रूठे थे तो मनाया किसने था; वो कहते हैं वो बहुत अच्छे है शायद; वो भूल गए कि उन्हें यह बताया किसने था।

अर्ज़ किया है: उड़ती हुई फ्रॉक को काबू में रखो; उड़ती हुई फ्रॉक को काबू में रखो; वाह! वाह! पैंटी ना पहनो कोई बात नहीं कम से कम बगीचा तो साफ़ रखो।

तु कहीं भी रह तेरे सर पे इल्जाम तो है; तेरी हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है; मुझे अपना बना या ना बना तेरी मर्जी; पर तु मेरे नाम से बदनाम तो है।

मुझ को शिकस्त-ए-दिल का मज़ा याद आ गया; तुम क्यों उदास हो गए क्या याद आ गया; कहने को ज़िन्दगी थी बहुत मुख्तसर मगर; कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।

हमारी आँखों में आंसू आये न होते; अगर तुम पीछे मुड़कर मुस्कुराए न होते; तुम्हारे जाने के बाद ये गम होता है कि; काश तुम जिंदगी में आये ही न होते।

इन आंखो मे आंसू आये न होते; अगर वो पीछे मुडकर मुस्कुराये न होते! उनके जाने के बाद बस येही गम रहेगा; कि काश वो हमारी ज़िन्दगी मे दूबारा आये न होते!