पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है

पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है

पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है

मियां मैं शेर हूँ शेरो की गुर्राहट नहीं जाती; मैं लहजा नर्म भी कर लूँ तो झुंझलाहट नहीं जाती; मैं अनजाने में एक बार सच बोल बैठा था; तब से मैं कोशिश कर चुका हूँ पर मुंह की कड़वाहट नहीं जाती।

मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको हुमारा ये पेघाम हैं
वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो

भूकंप के बारे में दो पंक्तियां
नाज़ बहुत था अपनी तरक़्क़ी पर लोगो को
क़ुदरत की एक झपकी ने औक़ात बता दी !!

ये जलजले यूँ ही बे सबब नहीं आते
ज़रूर ज़मीन के नीचे कोई दीवाना तड़पता होगा

ज़िन्दगी का भरोसा नहीं दुनिया का यकीन क्या करें
आज की यारी मतलब की कोई किसी के लिए क्यूँ मरे
भाई भाई से करे धोखा गैरों से उम्मीद ना रही
माना के यह कल युग है मगर प्यार जिंदा है कहीं ना कहीं

झुकी नजरों से प्यार का इजहार ये अजीब बात है
नजर चुराकर दिलकी बात कहना ये भी अजीब बात है
बिना लफ्ज, बिना आँखे, होटों की हॅसी सब कहती है
बिना कहे, बिना देखे, तेरी तस्वीर आँखों के सामने रहती है

आशिकों की किस्मत में जुदा होना ही लिखा होता है
सच्चा प्यार होता है तो दिल को खोना ही लिखा होता है
सब जानते हुए भी में भी प्यार उससे कर बैठा
भूल गया के मोहब्बत में सिर्फ रोना ही लिखा होता है

प्यार में मैंने सब कुछ खोया सिर्फ तुझे पाने के लिए
दुनिया से भी खूब लड़ा सिर्फ तुझे अपना बनाने के लिए
आज नहीं तो कल अगर तूं मुझे भूल जाओगी
तेरी यादों को हम जलायेंगे सिर्फ तुझे भुलाने के लिए

ज़िन्दगी का भरोसा नहीं
दुनिया का यकीन क्या करें
आज की यारी मतलब की
कोई किसी के लिए क्यूँ मरे
भाई भाई से करे धोखा
गैरों से उम्मीद ना रही
माना के यह कल युग है
मगर प्यार जिंदा है कहीं ना कहीं

जो भी होठों से न कह पाए दास्तां आंखों में रह जाए
वो चली जाती है दूर सही यादें दामन में मेरे रह जाए
दिल में पानी लिए चलते हैं कोई प्यासा कहीं मिल जाए
जो भी पहचाने मिले राहों में हर कोई हमपे अब हंस जाए

सितम की रस्में बहुत थीं लेकिन न थी तेरी अंजुमन से पहले; सज़ा खता-ए-नज़र से पहले इताब ज़ुर्मे-सुखन से पहले; जो चल सको तो चलो के राहे-वफा बहुत मुख्तसर हुई है; मुक़ाम है अब कोई न मंजिल फराज़े-दारो-रसन से पहले।

हर इन्शान को भगवान् ने जिंदगी की
ट्रेन का कंफर्म टिकट के साथ रिटर्न
टिकट भी दिया था जिसे आप न
भूले..... और जीवन की यात्रा को
सौहार्दपूर्ण बनाये - जिससे आपका
संस्मरण एक यादगार बन जाए - न की
कष्टदायी...!

ये और बात है हम तुमको याद आ ना सके
शराब पी के भी हम तुमको भुला ना सके
ये फासलों की है बसती इसीलिए यारो
वो पास आ ना सके हम भी पास जा ना सके
सकूँ दिया है जमाने के मेरे नगमो ने
अजीब बात है खुद को ही हम हसाँ ना सके